रात को  गिदड़ कितना भी चिल्ला ले, सुबह तो शेर का ही दबदबा होता है!

रात को गिदड़ कितना भी चिल्ला ले, सुबह तो शेर का ही दबदबा होता है!

Aukat Shayari

इस क़दर आप के बदले हुए तेवर हैं कि, मैं अपनी ही चीज़ उठाते हुए डर जाता हूँ !

इस क़दर आप के बदले हुए तेवर हैं कि, मैं अपनी ही चीज़ उठाते हुए डर जाता हूँ !

हम ने देखा है ज़माने का बदलना लेकिन उनके बदले हुए तेवर देखे नहीं जाते!

हम ने देखा है ज़माने का बदलना लेकिन उनके बदले हुए तेवर देखे नहीं जाते!

मालूम है “मुझे” मेरी औक़ात, हर बार क्यों “दिखाते” हो, छोड़ना है तो “छोड़” ही जाओ न, यूँ हर बार “क्यों” सताते हो!

मालूम है “मुझे” मेरी औक़ात, हर बार क्यों “दिखाते” हो, छोड़ना है तो “छोड़” ही जाओ न, यूँ हर बार “क्यों” सताते हो!

तुझे एक नज़र देखना चाहते हैं, देखकर नज़रों में बसाना चाहते हैं!

तुझे एक नज़र देखना चाहते हैं, देखकर नज़रों में बसाना चाहते हैं!

बादशाह नहीं बाजीगर कहते है लोग हमें, क्युकी झुकना हमारे खून में नहीं !

बादशाह नहीं बाजीगर कहते है लोग हमें, क्युकी झुकना हमारे खून में नहीं !

वो मेरी न हुई तो इसमें “हैरत” की कोई बात नहीँ, क्योँकि “शेर” से दिल लगाये “बकरी” की ईतनी औकात नही!

वो मेरी न हुई तो इसमें “हैरत” की कोई बात नहीँ, क्योँकि “शेर” से दिल लगाये “बकरी” की ईतनी औकात नही!

कुछ लोग अपनी औक़ात दिखा देते हैं, गिराने की फ़िराक़ में बस इल्जाम लगा देते हैं!

कुछ लोग अपनी औक़ात दिखा देते हैं, गिराने की फ़िराक़ में बस इल्जाम लगा देते हैं!

एक अलग सी पहचान बनाने  की आदत है हमें, जख्म  हो जितना गहरा उतना मुस्कुराने की आदत है हमें!

एक अलग सी पहचान बनाने की आदत है हमें, जख्म हो जितना गहरा उतना मुस्कुराने की आदत है हमें!

भाव हम देते नहीं और, अकड़ हम सहते नहीं !

भाव हम देते नहीं और, अकड़ हम सहते नहीं !

औकात की क्या बात करती है पगली हम तो उनमे से है, जो शराफत भी बड़ी बदमाशी से करते हैं!

औकात की क्या बात करती है पगली हम तो उनमे से है, जो शराफत भी बड़ी बदमाशी से करते हैं!

नाम और पहचान चाहे छोटी हो पर अपने दम पर होनी चाहिए।

नाम और पहचान चाहे छोटी हो पर अपने दम पर होनी चाहिए।

सुन छोरे तू मेरे साथ नही तो कोई बात नही हैं, मैं तेरे इश्क में रोऊ इतनी तो तेरी औकात नही हैं !

सुन छोरे तू मेरे साथ नही तो कोई बात नही हैं, मैं तेरे इश्क में रोऊ इतनी तो तेरी औकात नही हैं !

औकात नहीं हैं आँख से आँख मिलाने की, और बात करते हैं हमारा नाम मिटाने की!

औकात नहीं हैं आँख से आँख मिलाने की, और बात करते हैं हमारा नाम मिटाने की!

कागजो पर तो अदालते चलती है हम तो रॉयल छोरे है फैसला On The Spot करते है!

कागजो पर तो अदालते चलती है हम तो रॉयल छोरे है फैसला On The Spot करते है!

कुछ के पास बहाने होते है और कुछ के पास नतीजे।

कुछ के पास बहाने होते है और कुछ के पास नतीजे।

शरीफ तो हम यूँही है, वर्ना ताली तो हमारी हर एक गाली पर पड़ती है !

शरीफ तो हम यूँही है, वर्ना ताली तो हमारी हर एक गाली पर पड़ती है !

औकात बस इतनी सी रखिये की, सामने वाला आपकी औकात दिखाने से पहले, खुद की औकात देख ले!

औकात बस इतनी सी रखिये की, सामने वाला आपकी औकात दिखाने से पहले, खुद की औकात देख ले!