रात को  गिदड़ कितना भी चिल्ला ले, सुबह तो शेर का ही दबदबा होता है! - Aukat Shayari

रात को गिदड़ कितना भी चिल्ला ले, सुबह तो शेर का ही दबदबा होता है!

Aukat Shayari