उसकी हर गलती भूल जाता हूँ जब वो मासूमियत से पूछती है नाराज है क्या !

उसकी हर गलती भूल जाता हूँ जब वो मासूमियत से पूछती है नाराज है क्या !

Narazgi Shayari

नाराजगी जिंदगी से हो जाये, तो भी इससे रूठा नहीं करते, छोटी सी बात पर, यूँ उम्र भर के लिए टूटा नहीं करते।

नाराजगी जिंदगी से हो जाये, तो भी इससे रूठा नहीं करते, छोटी सी बात पर, यूँ उम्र भर के लिए टूटा नहीं करते।

इतना तो बता जाओ खफा होने से पहले वो क्या करे जो तुम से खफा हो नहीं सकते!

इतना तो बता जाओ खफा होने से पहले वो क्या करे जो तुम से खफा हो नहीं सकते!

किस बात पर खफा हो, यह जरूर बता देना, अक्सर दिल में छुपी नाराजगी से, रिश्तों की डोर कमजोर हो जाती है।

किस बात पर खफा हो, यह जरूर बता देना, अक्सर दिल में छुपी नाराजगी से, रिश्तों की डोर कमजोर हो जाती है।

किसी को मनाने से पहले ये जान लेना कि वो तुमसे नाराज है या परेशान।

किसी को मनाने से पहले ये जान लेना कि वो तुमसे नाराज है या परेशान।

काश ये दिल बेजान होता ना किसी के आने से धडकता ना किसी के जाने पर तडपता !

काश ये दिल बेजान होता ना किसी के आने से धडकता ना किसी के जाने पर तडपता !

शिकायतें करनी छोड़ दी हैं मैंने उससे, जिसे फर्क मेरे आँसुओं से नहीं पड़ता, मेरे नाराजगी से क्या होगा।

शिकायतें करनी छोड़ दी हैं मैंने उससे, जिसे फर्क मेरे आँसुओं से नहीं पड़ता, मेरे नाराजगी से क्या होगा।

मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना !

मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना !

जिंदगी मे अपनापन तो हर कोई दिखाता है पर अपना है कौन यह वक़्त ही बताता है !

जिंदगी मे अपनापन तो हर कोई दिखाता है पर अपना है कौन यह वक़्त ही बताता है !

नाराज़गी जायज़ है तुमसे, मगर नफ़रत मुमकिन नही।

नाराज़गी जायज़ है तुमसे, मगर नफ़रत मुमकिन नही।

यूँ तो हम रोज तुम्हे याद करते है, दौर नाराजगी का ख़त्म हो फिर बात करते है।

यूँ तो हम रोज तुम्हे याद करते है, दौर नाराजगी का ख़त्म हो फिर बात करते है।

तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है।

तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है।

वो हमें भुलाते गए और हम सिमटते गए उनमे हम मरते गए उनकी बेरुखी से और वो  हमे आजमाते गए।

वो हमें भुलाते गए और हम सिमटते गए उनमे हम मरते गए उनकी बेरुखी से और वो हमे आजमाते गए।

उसकी बेरूखी ने छीन ली मेरी शरारतें, लोग समझते है सुधर गया हूँ मैं.

उसकी बेरूखी ने छीन ली मेरी शरारतें, लोग समझते है सुधर गया हूँ मैं.

दिल तोड़कर हमारा तुमको राहत भी ना मिलेगी, हमारे जैसी तुमको चाहत भी न मिलेगी, यूँ इतनी बेरुखी ना दिखलाइये हम पर हम अगर रूठे तो हमारी आहट भी ना मिलेगी.

दिल तोड़कर हमारा तुमको राहत भी ना मिलेगी, हमारे जैसी तुमको चाहत भी न मिलेगी, यूँ इतनी बेरुखी ना दिखलाइये हम पर हम अगर रूठे तो हमारी आहट भी ना मिलेगी.

बेरुखी इस से बड़ी और भला क्या होगी एक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं।

बेरुखी इस से बड़ी और भला क्या होगी एक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं।

 इस बेरूखी पे आपकी यूं आ गई हंसी आंखें बता रही हैं ज़रा सी हया तो है।

इस बेरूखी पे आपकी यूं आ गई हंसी आंखें बता रही हैं ज़रा सी हया तो है।

में थोड़ा पि लेता हु उनकी बेरुखी को भुलाने के लिए न जी पाऊ भी अगर तो थोड़ा मर के भी में जी लेता हु।

में थोड़ा पि लेता हु उनकी बेरुखी को भुलाने के लिए न जी पाऊ भी अगर तो थोड़ा मर के भी में जी लेता हु।

मतलब क्या हुआ बेरूखी का, है कौन मुजरिम तेरी इस ख़ुशी का, उम्मीद थी जिस से प्यार की ऐ खुदा, बुझ गया वो चिराग कभी का.

मतलब क्या हुआ बेरूखी का, है कौन मुजरिम तेरी इस ख़ुशी का, उम्मीद थी जिस से प्यार की ऐ खुदा, बुझ गया वो चिराग कभी का.