दिल तोड़कर हमारा तुमको राहत भी ना मिलेगी, हमारे जैसी तुमको चाहत भी न मिलेगी, यूँ इतनी बेरुखी ना दिखलाइये हम पर हम अगर रूठे तो हमारी आहट भी ना मिलेगी.

दिल तोड़कर हमारा तुमको राहत भी ना मिलेगी, हमारे जैसी तुमको चाहत भी न मिलेगी, यूँ इतनी बेरुखी ना दिखलाइये हम पर हम अगर रूठे तो हमारी आहट भी ना मिलेगी.

Berukhi Shayari

शिकायतें करनी छोड़ दी हैं मैंने उससे, जिसे फर्क मेरे आँसुओं से नहीं पड़ता, मेरे नाराजगी से क्या होगा।

शिकायतें करनी छोड़ दी हैं मैंने उससे, जिसे फर्क मेरे आँसुओं से नहीं पड़ता, मेरे नाराजगी से क्या होगा।

मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना !

मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना !

जिंदगी मे अपनापन तो हर कोई दिखाता है पर अपना है कौन यह वक़्त ही बताता है !

जिंदगी मे अपनापन तो हर कोई दिखाता है पर अपना है कौन यह वक़्त ही बताता है !

नाराज़गी जायज़ है तुमसे, मगर नफ़रत मुमकिन नही।

नाराज़गी जायज़ है तुमसे, मगर नफ़रत मुमकिन नही।

उसकी हर गलती भूल जाता हूँ जब वो मासूमियत से पूछती है नाराज है क्या !

उसकी हर गलती भूल जाता हूँ जब वो मासूमियत से पूछती है नाराज है क्या !

यूँ तो हम रोज तुम्हे याद करते है, दौर नाराजगी का ख़त्म हो फिर बात करते है।

यूँ तो हम रोज तुम्हे याद करते है, दौर नाराजगी का ख़त्म हो फिर बात करते है।

तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है।

तूँ माने या ना माने पर दिल दुखा तो है तेरी बेरुखी से कुछ गलत हुआ तो है।

वो हमें भुलाते गए और हम सिमटते गए उनमे हम मरते गए उनकी बेरुखी से और वो  हमे आजमाते गए।

वो हमें भुलाते गए और हम सिमटते गए उनमे हम मरते गए उनकी बेरुखी से और वो हमे आजमाते गए।

उसकी बेरूखी ने छीन ली मेरी शरारतें, लोग समझते है सुधर गया हूँ मैं.

उसकी बेरूखी ने छीन ली मेरी शरारतें, लोग समझते है सुधर गया हूँ मैं.

बेरुखी इस से बड़ी और भला क्या होगी एक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं।

बेरुखी इस से बड़ी और भला क्या होगी एक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं।

 इस बेरूखी पे आपकी यूं आ गई हंसी आंखें बता रही हैं ज़रा सी हया तो है।

इस बेरूखी पे आपकी यूं आ गई हंसी आंखें बता रही हैं ज़रा सी हया तो है।

में थोड़ा पि लेता हु उनकी बेरुखी को भुलाने के लिए न जी पाऊ भी अगर तो थोड़ा मर के भी में जी लेता हु।

में थोड़ा पि लेता हु उनकी बेरुखी को भुलाने के लिए न जी पाऊ भी अगर तो थोड़ा मर के भी में जी लेता हु।

मतलब क्या हुआ बेरूखी का, है कौन मुजरिम तेरी इस ख़ुशी का, उम्मीद थी जिस से प्यार की ऐ खुदा, बुझ गया वो चिराग कभी का.

मतलब क्या हुआ बेरूखी का, है कौन मुजरिम तेरी इस ख़ुशी का, उम्मीद थी जिस से प्यार की ऐ खुदा, बुझ गया वो चिराग कभी का.

कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे।

कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे।

बहुत दर्द होता है जब आपको वो इंसान इग्नोर करें, जिसके लिए आप पूरी दुनिया को इग्नोर करते हैं!

बहुत दर्द होता है जब आपको वो इंसान इग्नोर करें, जिसके लिए आप पूरी दुनिया को इग्नोर करते हैं!

आदत हमारी कुछ इस तरह हो गई, उनकी बेरूखी से भी मुहब्बत हो गई!

आदत हमारी कुछ इस तरह हो गई, उनकी बेरूखी से भी मुहब्बत हो गई!

तेरी दुनिया में मुझे एक पल दे दे, मेरी बेरुखी ज़िन्दगी का गुज़रा हुआ कल दे दे, वो वक्त जो गुज़ारा था साथ तेरे, अब उन्हें भूल पाऊं ऐसा कोई हल दे दे।

तेरी दुनिया में मुझे एक पल दे दे, मेरी बेरुखी ज़िन्दगी का गुज़रा हुआ कल दे दे, वो वक्त जो गुज़ारा था साथ तेरे, अब उन्हें भूल पाऊं ऐसा कोई हल दे दे।

काश तुझे मेरी जरूरत हो मेरी तरह, और मैं तुझे नज़रअंदाज करूँ तेरी तरह!

काश तुझे मेरी जरूरत हो मेरी तरह, और मैं तुझे नज़रअंदाज करूँ तेरी तरह!