कभी कभी भ्रम को खो देना ही सच्चाई खोजने से बेहतर होता है। सुप्रभात
अपनी ज़िन्दगी ऐसे जियो जैसे अभी नई जिन्दगी की शुरुआत हुई है। शुभ प्रभात
जब लोग बदल सकते हैं तो किस्मत क्या चीज़ हैं!
मैं हमदर्दी की ख़ैरातों के सिक्के मोड़ देता हूँ, जिस पर बोझ बन जाउँ, उसे मैं ख़ुद ही छोड़ देता हूँ।
अकेले है कोई गम नहीं, जहाँ इज्जत नही वहाँ हम नहीं!
पहचान तो सबसे है हमारी, लेकिन भरोसा सिर्फ खुद पर हैं!
चाँद हो या सूरज, चमकते सब हैं अपने वक्त आने पर!
आखिर कैसे भुला दे हम उन्हें, मौत इंसानो को आती है यादों को नहीं!
टूट कर चाहा था तुम्हे और तोड़ कर रख दिया तुमने मुझे.
दर्द भी उन्हीं को मिलते हैं, जो रिश्तें दिल से निभाते हैं.
अहसास बदल जाते है बस और कुछ नहीं, वरना मोहब्बत और नफरत एक ही दिल से होती है.
दर्द-ए-जुदाई सहने कि आदत सी हो गयी, ग़म न किसी से कहने कि आदत सी हो गयी, होकर जुदा भी यार ने ले लिया जीने का वादा, रोते हुए भी जिन्दा रहने की आदत सी हो गई।
दिल से निकली ही नहीं शाम जुदाई वाली तुम तो कहते थे बुरा वक़्त गुज़र जाता है !
दिल जुड़ा हो तो मुलाक़ात से फिर क्या हासिल, यूं तो सेहरा भी समंदर से मिला करते हैं।
बिन आपके कुछ भी अच्छा नहीं लगता, कुछ पल कि जुदाई भी सही नहीं जाती, तुम खुद ही समझ लो गहराई प्यार की, लिख कर यह बात मुझसे कहीं नहीं जाती।
जुदाईया देने की बजाय मार देना था वो ज़्यादा सही होता दूर है उनसे मगर ज़िंदा है क्यूंकि आ गए वो अगर !
बहुत से लोग बिछड़े हुए हैं आप भी सही कह रहे है अब ऐसी बात पर जीवन को आश्चर्य क्यों हो !
कट ही गई जुदाई भी कब ये हुआ कि मर गए, तेरे भी दिन गुजर गए मेरे भी दिन गुजर गए।