दर्द-ए-जुदाई सहने कि आदत सी हो गयी, ग़म न किसी से कहने कि आदत सी हो गयी, होकर जुदा भी यार ने ले लिया जीने का वादा, रोते हुए भी जिन्दा रहने की आदत सी हो गई। - Judai Shayari

दर्द-ए-जुदाई सहने कि आदत सी हो गयी, ग़म न किसी से कहने कि आदत सी हो गयी, होकर जुदा भी यार ने ले लिया जीने का वादा, रोते हुए भी जिन्दा रहने की आदत सी हो गई।

Judai Shayari