ना मेरी नीयत बुरी थी ना उसमे कोई बुराई थी सब मुक़द्दर का खेल था बस किस्मत में जुदाई थी ! - Judai Shayari

ना मेरी नीयत बुरी थी ना उसमे कोई बुराई थी सब मुक़द्दर का खेल था बस किस्मत में जुदाई थी !

Judai Shayari