दिल टुटना लाज़मी था इस शहर में, जहाँ हर कोई दिल में नफरत लिये चलता है। - Nafrat Shayari

दिल टुटना लाज़मी था इस शहर में, जहाँ हर कोई दिल में नफरत लिये चलता है।

Nafrat Shayari