होते है शायद नफरत मे ही पाकीजा रिश्ते वरना अब तो तन से लिबास उतारने को लोग मोहब्बत कहते है ! - Nafrat Shayari

होते है शायद नफरत मे ही पाकीजा रिश्ते वरना अब तो तन से लिबास उतारने को लोग मोहब्बत कहते है !

Nafrat Shayari