उन्हे नफरत हुयी सारे जहाँ से अब नयी दुनिया लाये कहाँ से ! - Nafrat Shayari

उन्हे नफरत हुयी सारे जहाँ से अब नयी दुनिया लाये कहाँ से !

Nafrat Shayari