मेरे चहरे से कफन को हटा कर ! जरा दीदार तो कर लो ! ऐ बेवफा बंद हो गई है वो आंखे ! जिन्हे तुम रुलाया करते थे ! - Maut Shayari

मेरे चहरे से कफन को हटा कर ! जरा दीदार तो कर लो ! ऐ बेवफा बंद हो गई है वो आंखे ! जिन्हे तुम रुलाया करते थे !

Maut Shayari