मेरे हिस्से की ज़मीन बंजर थी, मैं वाकिफ ना था, बे-सबब इलज़ाम मैं देता रहा बरसात को ।
 - Aansu Shayari

मेरे हिस्से की ज़मीन बंजर थी, मैं वाकिफ ना था, बे-सबब इलज़ाम मैं देता रहा बरसात को ।

Aansu Shayari