डूबी हैं मेरी उँगलियाँ मेरे ही खून में, ये काँच के टुकड़ों पर भरोसे की सजा है। - Aansu Shayari

डूबी हैं मेरी उँगलियाँ मेरे ही खून में, ये काँच के टुकड़ों पर भरोसे की सजा है।

Aansu Shayari