तुमसे बिछड़ना एक पल भी गवारा ना था, पर रोकते भी कैसे तुम्हें तू हमारा ना था।  - Afsos Shayari

तुमसे बिछड़ना एक पल भी गवारा ना था, पर रोकते भी कैसे तुम्हें तू हमारा ना था।

Afsos Shayari