जानता हूँ एक ऐसे शख्स को मैं भी मुनीर, ग़म से पत्थर हो गया लेकिन कभी रोया नहीं! - Dard Shayari

जानता हूँ एक ऐसे शख्स को मैं भी मुनीर, ग़म से पत्थर हो गया लेकिन कभी रोया नहीं!

Dard Shayari