मेरे मरने पर उसकी खुशी का ठिकाना ना रहा था खा गई सारा वो घरवालों तक के लिए खाना ना रहा - Marne Wali Shayari

मेरे मरने पर उसकी खुशी का ठिकाना ना रहा था खा गई सारा वो घरवालों तक के लिए खाना ना रहा

Marne Wali Shayari

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