साथ भी अकेला,राह भी अकेली कैसी है यह मोहब्बत की पहेली! - Dil Tootne Ki Shayari

साथ भी अकेला,राह भी अकेली कैसी है यह मोहब्बत की पहेली!

Dil Tootne Ki Shayari