सोचता हूँ इस दिल मे एक कब्रिस्तान बना लूँ सारे ख्वाब मर रहे हैँ एक एक करके ! - Khwaab Shayari

सोचता हूँ इस दिल मे एक कब्रिस्तान बना लूँ सारे ख्वाब मर रहे हैँ एक एक करके !

Khwaab Shayari