तरसती निगाहों ने देखा है कल फिर ख्वाब तेरे आने का !

तरसती निगाहों ने देखा है कल फिर ख्वाब तेरे आने का !

Khwaab Shayari

कभी तुम्हारी याद आती है कभी तुम्हारे ख्वाब आते है मुझे सताने के सलीके तो तुम्हें बेहिसाब आते है !

कभी तुम्हारी याद आती है कभी तुम्हारे ख्वाब आते है मुझे सताने के सलीके तो तुम्हें बेहिसाब आते है !

 रात बड़ी मुश्किल से खुद को सुलाया है मैंने, अपनी आँखों को तेरे ख्वाब का लालच देकर!

रात बड़ी मुश्किल से खुद को सुलाया है मैंने, अपनी आँखों को तेरे ख्वाब का लालच देकर!

ख़्वाबों को तो अक्सर हकीकत की ज़मीन पर ही रक्खा है ये बदबख्त अरमान चले गए आसमानों की दहलीज़ परे !

ख़्वाबों को तो अक्सर हकीकत की ज़मीन पर ही रक्खा है ये बदबख्त अरमान चले गए आसमानों की दहलीज़ परे !

 अब तो इन आँखों से भी जलन होती है मुझे, खुली हों तो तलाश तेरी, बंद हों तो ख्वाब तेरे.

अब तो इन आँखों से भी जलन होती है मुझे, खुली हों तो तलाश तेरी, बंद हों तो ख्वाब तेरे.

एक तो सुकून और एक तुम कहाँ रहते हो आजकल मिलते ही नहीं !

एक तो सुकून और एक तुम कहाँ रहते हो आजकल मिलते ही नहीं !

 हम नींद से उठकर, इधर-उधर ढूंढते हैं तुझे, क्यों ख्वाबों में मेरे, इतने करीब चले आते हो तुम!

हम नींद से उठकर, इधर-उधर ढूंढते हैं तुझे, क्यों ख्वाबों में मेरे, इतने करीब चले आते हो तुम!

जिन्दगी ने झेले हैं सब अज़ाब दुनिया के बस रहे हैं दिल में फिर भी ख्व़ाब दुनिया के !

जिन्दगी ने झेले हैं सब अज़ाब दुनिया के बस रहे हैं दिल में फिर भी ख्व़ाब दुनिया के !

सोचता हूँ इस दिल मे एक कब्रिस्तान बना लूँ सारे ख्वाब मर रहे हैँ एक एक करके !

सोचता हूँ इस दिल मे एक कब्रिस्तान बना लूँ सारे ख्वाब मर रहे हैँ एक एक करके !

 जिस ख्वाब में हो जाए दीदारे नबी हासिल ऐ इश्क़ कभी हमको भी वो नींद सुला दे.

जिस ख्वाब में हो जाए दीदारे नबी हासिल ऐ इश्क़ कभी हमको भी वो नींद सुला दे.

 तुम्हारी याद में आँखों का रतजगा है, कोई ख़्वाब नया आए तो कैसे आए.

तुम्हारी याद में आँखों का रतजगा है, कोई ख़्वाब नया आए तो कैसे आए.

वो जो मुमकिन ना हो उसे मुमकिन बना देता है ख्व़ाब दरिया के किनारों को मिला देता है !

वो जो मुमकिन ना हो उसे मुमकिन बना देता है ख्व़ाब दरिया के किनारों को मिला देता है !

कभी हक़ीक़त में भी बढ़ाया करो ताल्लुक़ हमसे अब ख़्वाबों की मुलाक़ातों से तसल्ली नहीं होती !

कभी हक़ीक़त में भी बढ़ाया करो ताल्लुक़ हमसे अब ख़्वाबों की मुलाक़ातों से तसल्ली नहीं होती !

  हर रात वही बहाना है मेरे दिल का, मैं सोता हूँ तो तेरा ख़्वाब आ जाता है.

हर रात वही बहाना है मेरे दिल का, मैं सोता हूँ तो तेरा ख़्वाब आ जाता है.

हसरतें पूरी न हो तो न सही पर ख्वाब देखना कोई गुनाह तो नहीं !

हसरतें पूरी न हो तो न सही पर ख्वाब देखना कोई गुनाह तो नहीं !

 सहर ख़्वाब में तुम फ़िर आये थे, सरहाने पे फ़िर आज ओस की बून्दें हैं.

सहर ख़्वाब में तुम फ़िर आये थे, सरहाने पे फ़िर आज ओस की बून्दें हैं.

बड़े ख्व़ाब देखने के जज्बात रखता हूँ उसे पूरा करने की मैं औकात रखता हूँ !

बड़े ख्व़ाब देखने के जज्बात रखता हूँ उसे पूरा करने की मैं औकात रखता हूँ !

माजरा क्या हे ये भी बता दो आजकल ख्वाबों मे छा जाते हो !

माजरा क्या हे ये भी बता दो आजकल ख्वाबों मे छा जाते हो !

ख्वाब दुःख देने लगे थे मैंने सोना ही छोड़ दिया !

ख्वाब दुःख देने लगे थे मैंने सोना ही छोड़ दिया !