तुम्हारी याद में आँखों का रतजगा है, कोई ख़्वाब नया आए तो कैसे आए. - Khwaab Shayari

तुम्हारी याद में आँखों का रतजगा है, कोई ख़्वाब नया आए तो कैसे आए.

Khwaab Shayari