वो जो मुमकिन ना हो उसे मुमकिन बना देता है ख्व़ाब दरिया के किनारों को मिला देता है ! - Khwaab Shayari

वो जो मुमकिन ना हो उसे मुमकिन बना देता है ख्व़ाब दरिया के किनारों को मिला देता है !

Khwaab Shayari