जितना दर्द हो दे दे ,जिन्दगी, गर,ख़फ़ा न कर मुझे मेरे महबूब से , शाम ,तो क्या पूरी रात अब काटी नही कटती , - Wife Shayari

जितना दर्द हो दे दे ,जिन्दगी, गर,ख़फ़ा न कर मुझे मेरे महबूब से , शाम ,तो क्या पूरी रात अब काटी नही कटती ,

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