सारे ऐब देखकर भी मुर्शीद को तरस है आया, हाय! किस मोम से खुदा ने उनका दिल है बनाया। - Sufi Shayari

सारे ऐब देखकर भी मुर्शीद को तरस है आया, हाय! किस मोम से खुदा ने उनका दिल है बनाया।

Sufi Shayari