अहंकार में आ के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है माफ़ी माँग के वही रिश्ता निभाया जाए ! - Ghamand Shayari

अहंकार में आ के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है माफ़ी माँग के वही रिश्ता निभाया जाए !

Ghamand Shayari