चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर की तरह मगर ख़ामोश हूँ अपनी तक़दीर की तरह !  - Ghamand Shayari

चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर की तरह मगर ख़ामोश हूँ अपनी तक़दीर की तरह !

Ghamand Shayari