बहुत घमंड भी था मुझे तुम्हारा होने का पर घमंड था ना एक दिन टूटना ही था ! - Ghamand Shayari

बहुत घमंड भी था मुझे तुम्हारा होने का पर घमंड था ना एक दिन टूटना ही था !

Ghamand Shayari