ए मेरे दिल, कभी तीसरे की उम्मीद भी ना किया कर, सिर्फ तुम और ''मैं'' ही हैं इस दश्त-ए-तन्हाई में! - Tanhai Shayari

ए मेरे दिल, कभी तीसरे की उम्मीद भी ना किया कर, सिर्फ तुम और ''मैं'' ही हैं इस दश्त-ए-तन्हाई में!

Tanhai Shayari