ओ क्यों नही समझते हमारी ख़ामोशी को क्या प्यार का इजहार करना जरूरी है ! - Majburi Shayari

ओ क्यों नही समझते हमारी ख़ामोशी को क्या प्यार का इजहार करना जरूरी है !

Majburi Shayari