ऐसे मोड़ पर खड़ा कर देती हे मजबूरिया की इंसान बुराइया अपना लेता हे अछाईया छोड़ कर। - Majburi Shayari

ऐसे मोड़ पर खड़ा कर देती हे मजबूरिया की इंसान बुराइया अपना लेता हे अछाईया छोड़ कर।

Majburi Shayari