खुशियाँ छुपी है छोटी-छोटी अरमानों में पता नही क्यों ढूढ़ते हैं इसे महंगी दुकानों में ! - Khushi Shayari

खुशियाँ छुपी है छोटी-छोटी अरमानों में पता नही क्यों ढूढ़ते हैं इसे महंगी दुकानों में !

Khushi Shayari