काश तुम भी कभी जोर से गले लगा कर कहो डरते क्यों हो पागल तुम्हारी ही तो हूं ! - Umeed Shayari

काश तुम भी कभी जोर से गले लगा कर कहो डरते क्यों हो पागल तुम्हारी ही तो हूं !

Umeed Shayari