रिश्ते कभी भी “कुदरती” मौत नही मरते इनका हमेशा ‘इंसान’ ही कत्ल करता हैं ‘नफ़रत’ से ‘नजरअंदाजी’ से तो कभी ‘गलतफ़हमी’ से. - Love Wali Shayari

रिश्ते कभी भी “कुदरती” मौत नही मरते इनका हमेशा ‘इंसान’ ही कत्ल करता हैं ‘नफ़रत’ से ‘नजरअंदाजी’ से तो कभी ‘गलतफ़हमी’ से.

Love Wali Shayari