मुसीबत  से निखरती है शख्सियत यारों, जो  चट्टानों से ना उलझे  वो झरना किस काम का ! - Shubh Prabhat Shayari

मुसीबत से निखरती है शख्सियत यारों, जो चट्टानों से ना उलझे वो झरना किस काम का !

Shubh Prabhat Shayari

Releted Post