वो अब हर एक बात का मतलब पूछता है मुझसे फ़राज़ कभी जो मेरी ख़ामोशी की तफ्सील लिखा करता था! - Khamoshi Shayari

वो अब हर एक बात का मतलब पूछता है मुझसे फ़राज़ कभी जो मेरी ख़ामोशी की तफ्सील लिखा करता था!

Khamoshi Shayari