किताबों से ये हुनर सिखा है हमने, सब कुछ छिपाए रखो खुद में, मगर ख़ामोशी से! - Khamoshi Shayari

किताबों से ये हुनर सिखा है हमने, सब कुछ छिपाए रखो खुद में, मगर ख़ामोशी से!

Khamoshi Shayari