लो बदल गया मौसम, हूबहू तुम्हारी तरह।।

लो बदल गया मौसम, हूबहू तुम्हारी तरह।।

Mausam Shayari

इन्सानियत की रौशनी गुम हो गई कहाँ, साए तो हैं आदमी के मगर आदमी कहाँ?

इन्सानियत की रौशनी गुम हो गई कहाँ, साए तो हैं आदमी के मगर आदमी कहाँ?

निभाते नही है वह लोग आजकल वरना इंसानियत से बड़ा कोई रिश्ता नही !

निभाते नही है वह लोग आजकल वरना इंसानियत से बड़ा कोई रिश्ता नही !

चंद सिक्कों में बिकता है यहाँ इंसान का ज़मीर, कौन कहता है मेरे मुल्क में महंगाई बहुत है।

चंद सिक्कों में बिकता है यहाँ इंसान का ज़मीर, कौन कहता है मेरे मुल्क में महंगाई बहुत है।

कहीं फिसल ना जाओ ज़रा संभल के रहना, मौसम बारिश का भी है और मुहब्बत का भी।

कहीं फिसल ना जाओ ज़रा संभल के रहना, मौसम बारिश का भी है और मुहब्बत का भी।

मौसम का मजा तो गरीब लेते है, अमीरों को गर्मी, सर्दी और बरसात के मौसम का पता ही कहाँ चलता है.

मौसम का मजा तो गरीब लेते है, अमीरों को गर्मी, सर्दी और बरसात के मौसम का पता ही कहाँ चलता है.

जालिम ये मौसम तुम्हारी याद दिला देता जाने-अनजाने में मुझे रुला देता।

जालिम ये मौसम तुम्हारी याद दिला देता जाने-अनजाने में मुझे रुला देता।

हम कि रूठी हुई रुत को भी मना लेते थे, हम ने देखा ही न था मौसम-ए-हिज्राँ जानाँ।

हम कि रूठी हुई रुत को भी मना लेते थे, हम ने देखा ही न था मौसम-ए-हिज्राँ जानाँ।

ये मौसम कितना प्यार है, खूबसूरत कितना यह नजारा है, इश्क़ करने का गुनाह हमारा है, मेरे सीने में धड़कता दिल तुम्हारा है!

ये मौसम कितना प्यार है, खूबसूरत कितना यह नजारा है, इश्क़ करने का गुनाह हमारा है, मेरे सीने में धड़कता दिल तुम्हारा है!

यूँ ही शाख से पत्ते गिरा नहीं करते बिछड़ के लोग भी ज्यादा जिया नहीं करते जो आने वाले हैं मौसम उनका एतराम करो जो दिन गुजर गए उनको गिना नहीं करते।

यूँ ही शाख से पत्ते गिरा नहीं करते बिछड़ के लोग भी ज्यादा जिया नहीं करते जो आने वाले हैं मौसम उनका एतराम करो जो दिन गुजर गए उनको गिना नहीं करते।

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे।

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे।

दीदार हुआ है तुम्हारा तो दिल यादों में तेरी जागने लगा जब से मिला हूं मैं तुझ से ये मौसम सुहाना लगने लगा!

दीदार हुआ है तुम्हारा तो दिल यादों में तेरी जागने लगा जब से मिला हूं मैं तुझ से ये मौसम सुहाना लगने लगा!

धूप भी खुल के कुछ नहीं कहती, रात ढलती नहीं थम जाती है सर्द मौसम की एक दिक्कत है याद तक जम के बैठ जाती है।

धूप भी खुल के कुछ नहीं कहती, रात ढलती नहीं थम जाती है सर्द मौसम की एक दिक्कत है याद तक जम के बैठ जाती है।

खयालों में वो हमारे साथ है ऐसा कहने में कोई हर्ज नहीं मौसम तो आज भी सुहाना है तन्हाई से बड़ा कोई मर्ज नहीं!

खयालों में वो हमारे साथ है ऐसा कहने में कोई हर्ज नहीं मौसम तो आज भी सुहाना है तन्हाई से बड़ा कोई मर्ज नहीं!

शहर में बिखरी हुई हैं, ज़ख्म-ए-दिल की खुशबुएँ,ऐसा लगता है के दीवानों का मौसम आ गया।

शहर में बिखरी हुई हैं, ज़ख्म-ए-दिल की खुशबुएँ,ऐसा लगता है के दीवानों का मौसम आ गया।

अरे इतना भी मत सताओ मौसम सुहाना है थोड़े नखरे कम करो दूर क्यूँ हो ,थोड़ा पास आजाओ।

अरे इतना भी मत सताओ मौसम सुहाना है थोड़े नखरे कम करो दूर क्यूँ हो ,थोड़ा पास आजाओ।

मौसम का कुछ ऐसा खुमार है मन करता चीख कर कह दू हमको तुमसे बहुत प्यार है !

मौसम का कुछ ऐसा खुमार है मन करता चीख कर कह दू हमको तुमसे बहुत प्यार है !

उसे छुआ तो दिसम्बर में प्यास लगने लगी, कि उसके ज़िस्म का मौसम तो जून जैसा है।

उसे छुआ तो दिसम्बर में प्यास लगने लगी, कि उसके ज़िस्म का मौसम तो जून जैसा है।

ये सर्द शामें भी किस कदर ज़ालिम है बहुत सर्द होती है मगर इनमें दिल सुलगता है!

ये सर्द शामें भी किस कदर ज़ालिम है बहुत सर्द होती है मगर इनमें दिल सुलगता है!