अरे इतना भी मत सताओ मौसम सुहाना है थोड़े नखरे कम करो दूर क्यूँ हो ,थोड़ा पास आजाओ।

अरे इतना भी मत सताओ मौसम सुहाना है थोड़े नखरे कम करो दूर क्यूँ हो ,थोड़ा पास आजाओ।

Mausam Shayari

हम कि रूठी हुई रुत को भी मना लेते थे, हम ने देखा ही न था मौसम-ए-हिज्राँ जानाँ।

हम कि रूठी हुई रुत को भी मना लेते थे, हम ने देखा ही न था मौसम-ए-हिज्राँ जानाँ।

ये मौसम कितना प्यार है, खूबसूरत कितना यह नजारा है, इश्क़ करने का गुनाह हमारा है, मेरे सीने में धड़कता दिल तुम्हारा है!

ये मौसम कितना प्यार है, खूबसूरत कितना यह नजारा है, इश्क़ करने का गुनाह हमारा है, मेरे सीने में धड़कता दिल तुम्हारा है!

यूँ ही शाख से पत्ते गिरा नहीं करते बिछड़ के लोग भी ज्यादा जिया नहीं करते जो आने वाले हैं मौसम उनका एतराम करो जो दिन गुजर गए उनको गिना नहीं करते।

यूँ ही शाख से पत्ते गिरा नहीं करते बिछड़ के लोग भी ज्यादा जिया नहीं करते जो आने वाले हैं मौसम उनका एतराम करो जो दिन गुजर गए उनको गिना नहीं करते।

लो बदल गया मौसम, हूबहू तुम्हारी तरह।।

लो बदल गया मौसम, हूबहू तुम्हारी तरह।।

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे।

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे।

दीदार हुआ है तुम्हारा तो दिल यादों में तेरी जागने लगा जब से मिला हूं मैं तुझ से ये मौसम सुहाना लगने लगा!

दीदार हुआ है तुम्हारा तो दिल यादों में तेरी जागने लगा जब से मिला हूं मैं तुझ से ये मौसम सुहाना लगने लगा!

धूप भी खुल के कुछ नहीं कहती, रात ढलती नहीं थम जाती है सर्द मौसम की एक दिक्कत है याद तक जम के बैठ जाती है।

धूप भी खुल के कुछ नहीं कहती, रात ढलती नहीं थम जाती है सर्द मौसम की एक दिक्कत है याद तक जम के बैठ जाती है।

खयालों में वो हमारे साथ है ऐसा कहने में कोई हर्ज नहीं मौसम तो आज भी सुहाना है तन्हाई से बड़ा कोई मर्ज नहीं!

खयालों में वो हमारे साथ है ऐसा कहने में कोई हर्ज नहीं मौसम तो आज भी सुहाना है तन्हाई से बड़ा कोई मर्ज नहीं!

शहर में बिखरी हुई हैं, ज़ख्म-ए-दिल की खुशबुएँ,ऐसा लगता है के दीवानों का मौसम आ गया।

शहर में बिखरी हुई हैं, ज़ख्म-ए-दिल की खुशबुएँ,ऐसा लगता है के दीवानों का मौसम आ गया।

मौसम का कुछ ऐसा खुमार है मन करता चीख कर कह दू हमको तुमसे बहुत प्यार है !

मौसम का कुछ ऐसा खुमार है मन करता चीख कर कह दू हमको तुमसे बहुत प्यार है !

उसे छुआ तो दिसम्बर में प्यास लगने लगी, कि उसके ज़िस्म का मौसम तो जून जैसा है।

उसे छुआ तो दिसम्बर में प्यास लगने लगी, कि उसके ज़िस्म का मौसम तो जून जैसा है।

ये सर्द शामें भी किस कदर ज़ालिम है बहुत सर्द होती है मगर इनमें दिल सुलगता है!

ये सर्द शामें भी किस कदर ज़ालिम है बहुत सर्द होती है मगर इनमें दिल सुलगता है!

कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आये और कुछ तेरी मिटटी में बगावत भी बहुत थी।

कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आये और कुछ तेरी मिटटी में बगावत भी बहुत थी।

कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख्याल भी दिल को खुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी।

कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख्याल भी दिल को खुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी।

क्यों आग सी लगा के गुमसुम है चाँदनी, सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा।।

क्यों आग सी लगा के गुमसुम है चाँदनी, सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा।।

बारिश आई थी बादल गरजे थे हर जगह उनके फिजा ए मौसम महकाने के चर्च थे पर एक हम ही नजारों का मजा न ले पाए यहाँ जो तेरे इम्ताहानो से निकल जाने को तरसे थे!

बारिश आई थी बादल गरजे थे हर जगह उनके फिजा ए मौसम महकाने के चर्च थे पर एक हम ही नजारों का मजा न ले पाए यहाँ जो तेरे इम्ताहानो से निकल जाने को तरसे थे!

रात गुज़री तो फिर महकती सुबह आई दिल धड़का फिर आपकी याद आई साँसों ने महसूस किया हवा की खुश्बू को जो आपको छूकर हमारे पास आई!

रात गुज़री तो फिर महकती सुबह आई दिल धड़का फिर आपकी याद आई साँसों ने महसूस किया हवा की खुश्बू को जो आपको छूकर हमारे पास आई!

मेरी तलाश का है जुर्म या मेरी वफा का क़सूर जो दिल के करीब आया वही बेवफा निकला !

मेरी तलाश का है जुर्म या मेरी वफा का क़सूर जो दिल के करीब आया वही बेवफा निकला !