इस क़दर सादगी सूरत पे बसी है उसकी उसका आईना भी उससे ही ख़फ़ा लगता है - Khafa Shayar

इस क़दर सादगी सूरत पे बसी है उसकी उसका आईना भी उससे ही ख़फ़ा लगता है

Khafa Shayar