हाँ बहुत मतलबी हूँ मैं भी इश्क़ में, चाहता हूँ मैं वो जो नहीं है मिरा।

हाँ बहुत मतलबी हूँ मैं भी इश्क़ में, चाहता हूँ मैं वो जो नहीं है मिरा।

Matlabi Shayari

ये उम्र बित गयी पर समझ नहीं आया, जिनसे मुहब्बत होती वो कदर क्यों नहीं करते।

ये उम्र बित गयी पर समझ नहीं आया, जिनसे मुहब्बत होती वो कदर क्यों नहीं करते।

दिल तोडा मेरा कोई बात नहीं गलती तुम्हारी नहीं मेरी थी भरोसा मेने किया था यार तुमने नहीं।

दिल तोडा मेरा कोई बात नहीं गलती तुम्हारी नहीं मेरी थी भरोसा मेने किया था यार तुमने नहीं।

बिछड़ के तुझसे ना देखा गया किसी का मिलन, उठा दिया परिंदे भी हमने शजर पे बैठे हुई।

बिछड़ के तुझसे ना देखा गया किसी का मिलन, उठा दिया परिंदे भी हमने शजर पे बैठे हुई।

हुस्न के साथ मतलबी नकाब निकलता है, अक्सर चमकता सोना खराब निकलता है।

हुस्न के साथ मतलबी नकाब निकलता है, अक्सर चमकता सोना खराब निकलता है।

बहुत ज्यादा हर्ट है यार किसी को बहुत मानते है और वही इंसान हमें कुछ नहीं मानता।

बहुत ज्यादा हर्ट है यार किसी को बहुत मानते है और वही इंसान हमें कुछ नहीं मानता।

मतलबी लोगों का दौर है यारों, यहां देख कर भी अनदेखा करते हैं हज़ारों।

मतलबी लोगों का दौर है यारों, यहां देख कर भी अनदेखा करते हैं हज़ारों।

मेरी मासुमीयत पर हंसते हैं, मतलब निकालने वाले, खुद को बहुत समझदार समझते हैं , ये शहर में रहने वाले।

मेरी मासुमीयत पर हंसते हैं, मतलब निकालने वाले, खुद को बहुत समझदार समझते हैं , ये शहर में रहने वाले।

देख लेना किसी दिन एहसास होगा तुम्हे की था कोई अपना जो बिना मतलब चाहता था तुम्हे।

देख लेना किसी दिन एहसास होगा तुम्हे की था कोई अपना जो बिना मतलब चाहता था तुम्हे।

मतलब पूरा होने के बाद लोग बोलना तो दूर, देखना भी छोड़ देते हैं।

मतलब पूरा होने के बाद लोग बोलना तो दूर, देखना भी छोड़ देते हैं।

रिश्ता कुछ ऐसा होना चाहिए की लड़ाई जब दो में हो तो तीसरे को पता नहीं चलना चाहिए।

रिश्ता कुछ ऐसा होना चाहिए की लड़ाई जब दो में हो तो तीसरे को पता नहीं चलना चाहिए।

कोहनी पर टिके हुए लोग टुकङों पर बिके हुए लोग करते हैं, बरगद की बातें ये गमले में उगे हुए लोग।

कोहनी पर टिके हुए लोग टुकङों पर बिके हुए लोग करते हैं, बरगद की बातें ये गमले में उगे हुए लोग।

आशना होकर भी अजनबी से लगे, इस दफ़ा तुम भी मतलबी से लगे।

आशना होकर भी अजनबी से लगे, इस दफ़ा तुम भी मतलबी से लगे।

मोहब्बत आखिर उन्ही से क्यों होती है जिनके लिए हमारी मोहब्बत काफी नहीं होती।

मोहब्बत आखिर उन्ही से क्यों होती है जिनके लिए हमारी मोहब्बत काफी नहीं होती।

मुखौटे बचपन में देखे थे मेले में टंगे हुए, समझ बढ़ी तो देखा लोगों पे है चढ़े हुऐ।

मुखौटे बचपन में देखे थे मेले में टंगे हुए, समझ बढ़ी तो देखा लोगों पे है चढ़े हुऐ।

मदद करने से मैं घबराने लगा हूँ, समझते हैं लोग मैं मतलबियों का सगा हूँ।

मदद करने से मैं घबराने लगा हूँ, समझते हैं लोग मैं मतलबियों का सगा हूँ।

कुछ यूँ हुआ कि जब भी जरुरत पड़ी, हर शख्स इतेफाक से मजबूर हो गया,

कुछ यूँ हुआ कि जब भी जरुरत पड़ी, हर शख्स इतेफाक से मजबूर हो गया,

कभी-कभी रिश्तों की कीमत वो लोग समझा देते हैं जिनसे हमारा कोई रिश्ता नहीं होता.

कभी-कभी रिश्तों की कीमत वो लोग समझा देते हैं जिनसे हमारा कोई रिश्ता नहीं होता.

आज अगर आप किसी को अपनी समस्या बताओगे, तो लोग मदद नहीं करेंगे बल्कि दूर चले जाएंगे।

आज अगर आप किसी को अपनी समस्या बताओगे, तो लोग मदद नहीं करेंगे बल्कि दूर चले जाएंगे।