देखो सब को अपनी तलब लगी है, भीड़ बहुत है लेकिन सब मतलबी है। - Matlabi Shayari

देखो सब को अपनी तलब लगी है, भीड़ बहुत है लेकिन सब मतलबी है।

Matlabi Shayari