पलकों पर रुका है समंदर खुमार का, कितना अजब नशा है तेरे इंतज़ार का. - Samandar Shayari

पलकों पर रुका है समंदर खुमार का, कितना अजब नशा है तेरे इंतज़ार का.

Samandar Shayari