क़दम दर क़दम ज़िन्दगी दौरे इम्तिहान है कहीं सहरा कहीं समन्दर कहीं गर्दिशे अय्याम है! - Samandar Shayari

क़दम दर क़दम ज़िन्दगी दौरे इम्तिहान है कहीं सहरा कहीं समन्दर कहीं गर्दिशे अय्याम है!

Samandar Shayari