तुम समंदर हो, दिल मेरा दरिया है। साँसे चलती है दिल में जो मेरे। उसका तू ही तो जरिया है।

तुम समंदर हो, दिल मेरा दरिया है। साँसे चलती है दिल में जो मेरे। उसका तू ही तो जरिया है।

Samandar Shayari

मोहब्बत की है तुमसे बेफिक्र रहो नाराज़गी हो सकती है पर नफरत कभी नहीं हो सकती।

मोहब्बत की है तुमसे बेफिक्र रहो नाराज़गी हो सकती है पर नफरत कभी नहीं हो सकती।

तेरी मोहब्बत का नूर मेरी आंखो पर छाया है तेरी इश्क से ही मुझे जीना आया है !

तेरी मोहब्बत का नूर मेरी आंखो पर छाया है तेरी इश्क से ही मुझे जीना आया है !

मै कैसे समझाऊं की आप मेरे क्या हो आप ही मेरी जमीन और आसमान हो !

मै कैसे समझाऊं की आप मेरे क्या हो आप ही मेरी जमीन और आसमान हो !

तेरी हर खुशी और गम से रिश्ता है मेरा मै तेरा इश्क और तू मेरी जिंदगी का अनमोल हिस्सा है मेरा !

तेरी हर खुशी और गम से रिश्ता है मेरा मै तेरा इश्क और तू मेरी जिंदगी का अनमोल हिस्सा है मेरा !

समंदर ने कहा मुझको बचा लो डूबने से। मैं किनारे पे समन्दर लगा के आया हूँ।

समंदर ने कहा मुझको बचा लो डूबने से। मैं किनारे पे समन्दर लगा के आया हूँ।

पलकों पर रुका है समंदर खुमार का, कितना अजब नशा है तेरे इंतज़ार का.

पलकों पर रुका है समंदर खुमार का, कितना अजब नशा है तेरे इंतज़ार का.

समंदर बेबसी अपनी किसी से कह नहीं सकता, हजारों मील तक फैला है, फिर भी बह नहीं सकता !

समंदर बेबसी अपनी किसी से कह नहीं सकता, हजारों मील तक फैला है, फिर भी बह नहीं सकता !

ग़मों के नूर में लफ़्जों को ढालने निकले। गुहरशनास समंदर खंगालने निकले।

ग़मों के नूर में लफ़्जों को ढालने निकले। गुहरशनास समंदर खंगालने निकले।

क़दम दर क़दम ज़िन्दगी दौरे इम्तिहान है कहीं सहरा कहीं समन्दर कहीं गर्दिशे अय्याम है!

क़दम दर क़दम ज़िन्दगी दौरे इम्तिहान है कहीं सहरा कहीं समन्दर कहीं गर्दिशे अय्याम है!

बुझी न प्यास तो यूँ ख़त्म ज़िंदगी कर ली। नदी ने जा के समंदर में ख़ुदकशी कर ली।

बुझी न प्यास तो यूँ ख़त्म ज़िंदगी कर ली। नदी ने जा के समंदर में ख़ुदकशी कर ली।

दर्द का समंदर जब आँखों में उतर आता है तभी तो इंसान जिंदगी में कामयाबी को पाता है!

दर्द का समंदर जब आँखों में उतर आता है तभी तो इंसान जिंदगी में कामयाबी को पाता है!

लगी है प्यास तो चलो रेत निचोड़ी जाए। अपने हिस्से में कोई समंदर नहीं आने वाला।

लगी है प्यास तो चलो रेत निचोड़ी जाए। अपने हिस्से में कोई समंदर नहीं आने वाला।

सब हवाएं ले गया मेरे समंदर की कोई। और मुझ को एक कश्ती बादबानी दे गया।

सब हवाएं ले गया मेरे समंदर की कोई। और मुझ को एक कश्ती बादबानी दे गया।

कोई अपनी ही नजर से तो हमें देखेगा एक कतरे को समन्दर नजर आयें कैसे !

कोई अपनी ही नजर से तो हमें देखेगा एक कतरे को समन्दर नजर आयें कैसे !

अगर है गहराई तो चल डुबा दे मुझ को।  समंदर नाकाम रहा अब तेरी आँखो की बारी है।

अगर है गहराई तो चल डुबा दे मुझ को। समंदर नाकाम रहा अब तेरी आँखो की बारी है।

उन्हें ठहरे समुंदर ने डुबोया जिन्हें तूफ़ाँ का अंदाज़ा बहुत था !

उन्हें ठहरे समुंदर ने डुबोया जिन्हें तूफ़ाँ का अंदाज़ा बहुत था !

इलाही कश्ती-ए-दिल बह रही है किस समंदर में। निकल आती हैं मौजें हम जिसे साहिल समझते हैं।

इलाही कश्ती-ए-दिल बह रही है किस समंदर में। निकल आती हैं मौजें हम जिसे साहिल समझते हैं।

जिसको देखूँ तेरे दर का पता पूछता है क़तरा क़तरे से समंदर का पता पूछता है!

जिसको देखूँ तेरे दर का पता पूछता है क़तरा क़तरे से समंदर का पता पूछता है!