ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे। या छलकती हुई आँखों को भी पत्थर कर दे। - Samandar Shayari

ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे। या छलकती हुई आँखों को भी पत्थर कर दे।

Samandar Shayari