गुस्से में कभी इतना रायता ना फैलाओ, की चाहकर भी उसे सिमेट ना पाओगे ।

गुस्से में कभी इतना रायता ना फैलाओ, की चाहकर भी उसे सिमेट ना पाओगे ।

Gussa Shayari

होता होगा तुम्हारी दुनियाँ में गहरा समंदर हमारे यहाँ इश्क़ से गहरा कुछ भी नहीं !

होता होगा तुम्हारी दुनियाँ में गहरा समंदर हमारे यहाँ इश्क़ से गहरा कुछ भी नहीं !

कह देना समुन्दर से हम ओस के मोती हैं। दरिया की तरह तुझसे मिलने नहीं आएंगे।

कह देना समुन्दर से हम ओस के मोती हैं। दरिया की तरह तुझसे मिलने नहीं आएंगे।

उन आँसुओं का समंदर है मेरी आँखों में, जिन आँसुओं में है ठहराव भी, रवानी भी।

उन आँसुओं का समंदर है मेरी आँखों में, जिन आँसुओं में है ठहराव भी, रवानी भी।

मुझ से नफरत वाजिब है तुम्हे ये न करोगे तो मोहब्बत हो जायेगी !

मुझ से नफरत वाजिब है तुम्हे ये न करोगे तो मोहब्बत हो जायेगी !

कुछ लोग इतने कमाल होते है , कि बिन वजह गुस्से से लाल होते है ।

कुछ लोग इतने कमाल होते है , कि बिन वजह गुस्से से लाल होते है ।

तुम जब गुस्सा हो जाते हो तो ऐसा लगता है मनाते मनाते ज़िन्दगी गुजार दूँ

तुम जब गुस्सा हो जाते हो तो ऐसा लगता है मनाते मनाते ज़िन्दगी गुजार दूँ

गुस्सा भी समय-समय पर करना ठीक होता है , पर कहां और कब करना है ये समझना मुश्किल होता है ।

गुस्सा भी समय-समय पर करना ठीक होता है , पर कहां और कब करना है ये समझना मुश्किल होता है ।

खुद की कमियों पर गुस्सा करना सिखिए , आपका व्यक्तित्व निखरता चला जायेगा ।

खुद की कमियों पर गुस्सा करना सिखिए , आपका व्यक्तित्व निखरता चला जायेगा ।

जब इंसान का विनाश नजदीक आता है पहले विवेक मर जाता है फिर गुस्सा आता है !

जब इंसान का विनाश नजदीक आता है पहले विवेक मर जाता है फिर गुस्सा आता है !

मैंने दिल के दरवाजे पर चिपका दी है एक चेतावनी फ़ना होने का दम रखना तभी भीतर कदम रखना !

मैंने दिल के दरवाजे पर चिपका दी है एक चेतावनी फ़ना होने का दम रखना तभी भीतर कदम रखना !

गुस्सा बहुत चतुर होता है, अक्सर कमजोर पर ही निकलता है ।

गुस्सा बहुत चतुर होता है, अक्सर कमजोर पर ही निकलता है ।

ना तेरी शान कम होती ना रूतबा ही घटा होता जो गुस्से में कहा तुमने वही हंस के कहा होता !

ना तेरी शान कम होती ना रूतबा ही घटा होता जो गुस्से में कहा तुमने वही हंस के कहा होता !

वैसे तो बहुत अच्छा हूं मै, सिर्फ गुस्सा ना आने तक ।

वैसे तो बहुत अच्छा हूं मै, सिर्फ गुस्सा ना आने तक ।

कुछ गलत लोगो को अपना समझ बैठी थी उन हरामखोरो को अपना हमदर्द समझ बैठी थी !

कुछ गलत लोगो को अपना समझ बैठी थी उन हरामखोरो को अपना हमदर्द समझ बैठी थी !

मै बदला नही, आजकल बस अंदाज सही है, खामोश रहता हूँ पर गुस्से का मिजाज वही है ।

मै बदला नही, आजकल बस अंदाज सही है, खामोश रहता हूँ पर गुस्से का मिजाज वही है ।

बहुत अजीब चल रहा है आज कल का रिश्ता मुझे गुस्सा नहीं आता और उसे प्यार नहीं आता !

बहुत अजीब चल रहा है आज कल का रिश्ता मुझे गुस्सा नहीं आता और उसे प्यार नहीं आता !

तुम्हारे चेहरे पर गुस्सा देख कर ना जाने क्यूँ, तुम पर और भी प्यार आता हैं।

तुम्हारे चेहरे पर गुस्सा देख कर ना जाने क्यूँ, तुम पर और भी प्यार आता हैं।

उसके गुनाहों की सज़ा मेहज माफी नही मैने उसे कुछ नहीं कहा क्या इतना काफी नहीं !

उसके गुनाहों की सज़ा मेहज माफी नही मैने उसे कुछ नहीं कहा क्या इतना काफी नहीं !