भर गए जख्म मेरे अभी उसके निशा बाकी है तेरी मुहब्बत के अभी कितने सितम बाकी है..! - Tuta Dil Shayari

भर गए जख्म मेरे अभी उसके निशा बाकी है तेरी मुहब्बत के अभी कितने सितम बाकी है..!

Tuta Dil Shayari