मशीन जैसे चले जा रहे हैं एक अनजानी दौड़ में जनाब यह जरूरतों की मोहताज हमारी जिंदगी अब कहीं खो गई है! - Zindagi Shayari

मशीन जैसे चले जा रहे हैं एक अनजानी दौड़ में जनाब यह जरूरतों की मोहताज हमारी जिंदगी अब कहीं खो गई है!

Zindagi Shayari