जिस्म-ए-बाजार में मोहब्बत रूहानी ढूंढने निकले हैं लगता है जैसे मुर्दों के जहां में जिंदगानी ढूंढन निकले हैं! - Zindagi Shayari

जिस्म-ए-बाजार में मोहब्बत रूहानी ढूंढने निकले हैं लगता है जैसे मुर्दों के जहां में जिंदगानी ढूंढन निकले हैं!

Zindagi Shayari