जो हक में नहीं था मेरे, मैं उसे खोने से डरता रहा, जिसका वजूद मेरे लिए नहीं था मैं उससे मोहब्बत करता रहा। - One Side Love Shayari

जो हक में नहीं था मेरे, मैं उसे खोने से डरता रहा, जिसका वजूद मेरे लिए नहीं था मैं उससे मोहब्बत करता रहा।

One Side Love Shayari