अदा कातिल बयां कातिल ज़ुबान कातिल निगाह कातिल, तुम्हारा सिलसिला शायद किसी कातिल से मिलता है ! - Shero Shayari

अदा कातिल बयां कातिल ज़ुबान कातिल निगाह कातिल, तुम्हारा सिलसिला शायद किसी कातिल से मिलता है !

Shero Shayari